गंगावतरण की कथा
प्राचीन काल में अयोध्या में सगर नाम के राजा राज करते थे। उनकी दो रानियां थी केशिनी ओर सुमति। केशिनी से अंशुमान नामक पुत्र हुआ तथा सुमति के साठ हजार पुत्र थे। एक बार राजा सगर ने अश्वमेघ यज्ञ किया। यज्ञ की पूर्ति के लिये एक घोड़ा छोड़ा। इन्द्र यज्ञ को भंग करने हेतु घोड़े को चुराकर कपिल मुनि के आश्रम में बांध आये।