पूजा में यंत्रों का महत्व क्यों
यंत्र का तात्पर्य चेतना अथवा सजगता को धारण करने का माध्यम या उपादान हैं। ये ज्यामितीय आकृतियों के होते हें, जो त्रिभुज, अधोमुखी त्रिभुज, वृत्त, वर्ग, पंचकोण, षघटकोणीय आदि आकृतियों के होते हैं। मंडल का अर्थ वर्तुलाकर आकृति होता है. जो ब्रह्मंडीय शक्तियों से आवेशित होती हे।
![पूजा में यंत्रों का महत्व क्यों - कुछ प्रसिद्ध प्रमुख यंत्रों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है 3 Shri Yantra](https://i0.wp.com/aakhirkyon.in/wp-content/uploads/2023/02/shri-yantra.webp?resize=300%2C300&ssl=1)
सूर्ययंत्र-सदैव स्वस्थ रहने की आकांक्षा हो, तो भगवान् सूर्य की प्रार्थना करनी सहिए । इससे तमाम रोगों का शमन होता हे और व्यक्तित्व में तेजस्विता आती है।
श्रीगणेशयंत्र-इससे विभिन्न प्रकार की उपलब्धियां ओर सिद्धियां मिलती हें। न की प्राप्ति, अष्ट सिद्धि एवं नवनिधि की प्राप्ति हेतु भी इसका प्रयोग हाता है।
श्रीमंगलयंत्र- इसकी उपासना से उच्च रक्तचाप एवं मंगलग्रह जनित रोगों का निवारण होता है। इसमें ऋणमुक्ति की अद्वितीय क्षमता होती है।