विलियम फॉल्कनर का जन्म 25 सितंबर 1897 को न्यू अल्बानी, मिसिसिपी, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था। उनका पूरा नाम विलियम कथेबर्ट फॉल्कनर था। फॉल्कनर 20वीं सदी के महत्वपूर्ण अमेरिकी लेखकों में से एक माने जाते हैं, और उन्होंने अपने साहित्यिक योगदान के लिए 1949 में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया।
फॉल्कनर ने अपनी शिक्षा मिसिसिपी विश्वविद्यालय में प्राप्त की, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की। उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान कनाडाई वायु सेना में सेवा की। युद्ध के बाद, उन्होंने न्यू ऑरलियन्स में कुछ समय बिताया, जहाँ वे साहित्यिक सर्कल्स के संपर्क में आए और लेखन में रुचि विकसित की।
फॉल्कनर का अधिकांश लेखन योक्नापटाव्फ़ा काउंटी के काल्पनिक सेटिंग पर आधारित है, जो मिसिसिपी के उनके गृह क्षेत्र से प्रेरित है। उनके प्रमुख उपन्यासों में “द साउंड एंड द फ्यूरी” (1929), “अज़ आई ले डाउनिंग” (1930), और “एब्सलम, एब्सलम!” (1936) शामिल हैं। उनकी रचनाएँ अक्सर दक्षिणी समाज के जटिल और चुनौतीपूर्ण पहलुओं की जांच करती हैं, जिनमें नस्लीय भेदभाव, पारिवारिक त्रासदी और सामाजिक असमानता प्रमुख हैं।
उनकी लेखन शैली में जटिल वर्णनात्मक तकनीकें, जैसे कि धारा की धारा (स्ट्रीम ऑफ़ कॉन्शसनेस) और कई दृष्टिकोणों का उपयोग शामिल है, जो उनके साहित्य को विशिष्ट और चुनौतीपूर्ण बनाता है।
विलियम फॉल्कनर का निधन 6 जुलाई 1962 को हुआ, लेकिन उनका साहित्यिक योगदान आज भी विश्व साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनकी कृतियों ने न केवल अमेरिकी साहित्य को समृद्ध किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी पाठकों और आलोचकों का ध्यान आकर्षित किया है।