सुन्दर कविता जिसके अर्थ काफी गहरे हैं. मैंने .. हर रोज .. जमाने को .. रंग बदलते देखा है …. उम्र के साथ .. जिंदगी को .. ढंग बदलते देखा है .. !! वो .. जो चलते थे .. तो शेर के चलने का .. होता था गुमान.. उनको भी .. पाँव उठाने के लिए .. सहारे को तरसते देखा …