तृष्णा एक सन्यासी जंगल में कुटी बनाकर रहता था। उसकी कुटी में एक चूहा भी रहने लगा था। साधु ने अकेलापन दूर करने के लिए चूहे को मनुष्य की तरह बोलना सिखा दिया। एक दिन साधु से चूहे ने कहा – महाराज! मुझे बिल्ली से डर लगता है, अतः मुझे बिल्ली बना दें। साधु ने चूहे को बिल्ली बना दिया। …