सूर्य छठ
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य षष्ठी कहते हैं। इस दिन गंगा स्नान, जप तथा ब्रत करने से अक्षय पुण्य फल प्राप्त होता है। इस दिन सूर्य-पूुजन और गंगा-स्नान का विशेष महत्व है। इस ब्रत की पूजन-सामग्री में कनेर का लाल फूल, गुलाल, दीप तथा लाल बसम्त्र का विधान है। सूर्य भगवान की आराधना करने से नेत्र रोग और कोढ़ दूर हो जाते हैं। इस दिन व्रत करने वाले को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। सूर्य अस्त होने से पहले भोजन कर लेना चाहिए। पलकें बन्द करके मूर्य की ओर देखना नेत्रों के लिए लाभकारी है।