नारायण का आरता
चंदन भर लो चौकड़ों जी मोतियन भर लो थाल
करो है कार्तिक की नहान बाल श्री कृष्ण का आरता हो राम काहे का तेरा दिवला जी, काहे घानी बात
कौन सुहागन कौन सपूती जोइ्यो जी भर कार्तिक की रात
नारायण का आरता
माटी का मेरा दीवला जी निर्मल घाली बात
मैं री सुहागन मैं री सपूती जोइयो जी भर कार्तिक की रात
नारायण का आरता
छींके दही जमावती जी मिश्री का जामन देव
हर ने नोत जिमावती जी जिवडे से देत लगाए
नारायण का आरता
श्री कृष्ण तो व्याहवन चढ गये राधे नन््द किशोर
कंवल कटोरा बांकडो जी सरकिन्डी तलवार
नारायण का आरता हो राम
लीपी पोती आवरी जी गायी बिछायी सेज
ये जोड़ी तो अलचल रहियो एक गई दूजी नार
नारायण का आरता
चूदड़ का क्या ओढ़ना जी बूँद पड़े गल जाए
मानस का क्या सेवना जी सेवो ना सालग राम
नारायण का आरता
गंगा बड़ी गोदावरी जी तीर्थ बड़े प्रयाग
धारा बड़ी समुद्र की जो पाप कटे हरिद्वार
नारायण का आरता
ब्रतो में एकादशी म्हारो हे प्रेम आधार
नारायण का आरता
भेंसों से भेंसे बडी जी गाय कपिला गाय
नारी में सीता बड़ी जी जो पतिव्रता नार पुरुष बड़े भगवान
नारायण का आरता
तुलसी का बिडलवा बड़ा-जी गाय चंदन को रुख
साधु की मंडली बड़ी जी माय सांवरियां हर को रूप
नारायण का आरता हो राम
नारायण के आरते जी कौन-कौन रखबाय
सीता माता, द्रोपदी जी और कौशल्या हर की माय
नारायण का आरता
नारायण के आरते जी कौन कौन फल होए
अन्न धन लक्ष्मी बहुत धनी जी मोर मुकुट गत होए
नारायण का आरता