भजन
हर हर गंगा लहर तिरंगा
तेरी लहर मेरा शीतल चंगा
गंगा के धोरे बोऊंगी आबा
तो जन्म जन्म वसुदेव सा बाबा
गंगा के धोरे बोऊंगी सा झाऊ
तो जन्म जन्म मेरा चाचा ताऊ
गंगा के धोरे बोऊंगी राई तो
जन्म जन्म यशोदा सी माई
गंगा के धोरे न जीरा तो
जन्म जन्म कन्हैया सा वीरा
गंगा के धोरे बोऊँगी झावी तो
जन्म जन्म मेरी सीता सी भाभी
गंगा के धोरे काढूँ कसीदा
जन्म जन्म छोटा-सा भतीजा
गंगा के धोरें बोऊंगी केसर तो
राज करे मेरा पति परमेश्वर
गंगा के धोरे बोऊँगी पेठा तो
जन्म जन्म मेरा की बेटा पोता
गंगा के धोरे बोऊंगी डोडा तो
जन्म जन्म मेरा चालेगा गोडा
गंगा के धो बोऊंगी भाया तो
जन्म जन्म मेरी चालेगी काया
जन्म के धोरे बोऊँंगी उडा तो
जन्म जन्म पहनूँगी चूड़ा
जब दिखी गंगा जी की पैडी तो
है गई सब छज्जा मेडी
जब दिखी गंगा जी की रेती तो
कल गई सब बेटा बेटी
जब दिखी गंगा जी की धारा
तो भूल गई मैं सब परिवारा
जब लायो गंगा जी में गोता
तो भूल गई मैं तो नफा टोटा
जब छोडो गंगा जी का गोता
अब चित आया नफा टोटा
जब छोडी गंगा जी की पेड़ी
तो अब चित् आयो सब छ्ज्जा मैडी
जब छोडी गंगा जी की रेती तो
अब चित आओ बेटा बेटी
गंगा माई में तेरे कारण आई ध्यान स्नान
करती परभात नाम लेती गंगा का है
निर्मल नीर नहाया