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Name Fidelity and Forgiveness |
हरिदास जी कहते – भैया ! मुझे एक बेंत मारो पर तुम हरिनाम लेते रहो इसी बहाने तुम्हारे मुँह से हरि का नाम तो निकलेगा। बेतों की मार से हरिदास की चमडी उधड़ गयी । खून की धारा बहने लगी। पर निर्दयी ज़ल्लादो के हाथ बंद नहीं हुए । इधर हरी के नाम-धुन भी बंद नहीं हुई ।