Home Kabir Bhajan Mala खिचड़ी भजन राग देश तीन ताल-54

खिचड़ी भजन राग देश तीन ताल-54

0 second read
0
0
71
खिचड़ी भजन राग देश तीन ताल-८४
जंतन बिन मिरंगी खेत उजारा। टेक
पांच मिरगा पच्चीस मिरगानी,
तामें तीन शिकारा
अपने अपने रस के भीगी,
चुग रहे न्यारा न्यारा।
उटिके झुण्ड मृगा के रोके बैठे खेत मझारा।
हो हो करति बालक भारी मुख बाये रखवारा।
मारे मारे टरे नहीं टारे बिडरे नाहीं बिडारा ।
अति ही प्रपंच महा सुखदाई,
तीन लोक पचिहार।
ज्ञान का भूला सुरति का चूका,
मुरु का शब्द रखवार।
कहै कबीर सुनो भाई साधो,
बिरले मले सम्हार।
Load More Related Articles
Load More By amitgupta
Load More In Kabir Bhajan Mala

Leave a Reply

Check Also

What is Account Master & How to Create Modify and Delete

What is Account Master & How to Create Modify and Delete Administration > Masters &…