कार्तिक ब्रत की पूजा
कार्तिक का महीना लगते ही पूर्णिमा से लेकर उतरते कार्तिक की पूनम तक रोज सुबह जल्दी उठकर गंगा में स्नान करके गंगाजी की पूजा करनी चाहिए। घर में भी स्नान कर सकते हैं। पांच ईंट या पांच पत्थर के टुकड़े रखकर पथवारी बनाएं। पथवारी माता, तुलसी, बड़, पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। जल, रोली, मोली, रोली, चंदन, चावल, फल, प्रसाद चढ़ायें और धूप दीपक जलाकर आरती उतारें और दक्षिणा चढ़ायें। रोज पथवारी और तुलसी का भजन करना चाहिए। सांयकाल में भी दीपक जलाकर भजन आदि करना चाहिए। अगर हो सके तो कार्तिक का ब्रत करें। कार्तिक में कार्तिक महात्म्य सुनना चाहिए।