भजन 1
उगत सूरज मिले चकवा ओर चकवी गऊए बंधन खोलियो मेरी सर्व सुन्दर करे सेवा सेवा करियो राम की कुछ आज कर कुछ काल कर कुछ अवध है दिन रात की राम लला का भजन कर ले सेवा करियो राम की मर नहाएं का मेरे धोए का फल देओ कृष्ण जी त्रिया जन्म मत छिनो हमारा त्रिया जन्म प्रभु छिने हमारा | कैसे परसे ठाकुर द्वार, कैसे छुए चरण तुम्हार त्रिया जन्म राधे सफल तुम्हारा, नहाएं धोए परसो ठाकुर द्वाग सदा उठ छुओ चरण हमारा, चीर ले गये कृष्ण मुररी ले कर चीर कदम्ब चढ़ बेठे हंम जल भीतर रहौ है उधारी हमारा चीर हमें दे दो कान्हा हम जल अंदर रही है उधारी थारा चीर जभी देंगे राधे जल से हो जाओ न्यारी न्यारी जल से न्यारी प्रभु कैसे हो जाएँ प्रजा देखे सारी सारी प्रजा हमारा क्या करेगी हम रे पुरुष तुम नारी नारी नगन हाथ से निकली दुलारी तो ताली दे दे हसे मुरारी तो मुड् मुड देखे कृष्ण मुरारी तो चीर दे गए कृष्ण मुरारी नंगते तो राधे कभी मत नहाईयो वरुण देवता दंगे गाली