कान्हा का भोग नं. 1
ठाडे रहियो रे यशोदा जी के लाल कलेवा लाऊँ माखन का भरा कटोरा दूध का, मिश्री देझँ मिलाय पीजा पीजा रे यशोदा जी के लाल, कलेवा लाईं माखन का आजा आजा रे यशोदा जी के लाल कलेवा…. ठाडे रहियो रे यशोदा…. भरी मटकिया छाछ की माखन देऊँ मिलाए आजा खाजा रे यशोदा जी के लाल, कलेवा लाई माखन का ठाडे रहियो रे सुबह सवेरे मंदिर जाऊँ मंदिर जाके भोग लगाँऊ दर्शन देजा रे यशोदा जी के लाल, कलेवा लाई माखन का आजा आजा रे यशोदा जी के लाल… ठाडे रहियो रे यशोदा जी के लाल……….