हरियाली तीज
सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज मनाई जाती है। हरियाली तीज के दिन कोई धार्मिक पूजा या ब्रत नहीं होता। यह केवल महिलाओं के लिये मौज-मस्ती का दिन होता है। आज के दिन हाथों में मेंहदी लगाई जाती है। हरियाली तीज मनाने अधिकतर लडकियां मायके में बुला ली जाती हैं और जिस लड़की की इस वर्ष शादी होती है उनकी ससुराल से इस पर्व पर सिंधारा (साड़ी-ब्लाऊज, झूला-पटरी, बहन-भाइयों के कपडे, मेंहदी, श्रृंगार का सब सामान, फल-मिठाई) भेजा जाता है औः मायके से सास की साड़ी-ब्लाऊज, रुपये, दामाद का टीका-कपडे, फल मिठाई आदि भेजे जाते हैं। अगले वर्ष से मायके से ही प्रतिवर्ष सिंधारा लड़की की ससुराल भेजा जाता हेै। ‘