गूंगा पंचमी ( भाई-भिन््ना )
गूंगा पंचमी भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है इस दिन नाग देवता की पूजा का विधान है। इस दिन सबसे पहले कटारी में दूध लेकर नागों को पिलाना चाहिए। फिर दीवार में किसी एक जगह गेरू से पोत कर और थोडे से दूध में कोयला पीसकर चोकोर घर जैसा बनाकर उसमें पाँच सर्प बनाते हैं। इसके बाद उन नागों को जल, कच्चा दूध, रोली, चावल, बाजरा, आटा, घी और चीनी मिलाकर चढायें और यथा शक्ति दक्षिणा भी चढ़ायें।
इस ब्रत के करने से स्त्रियां सोभाग्यवती होती हैं। पति की हर विपत्तियों से रक्षा होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कई लोगों के यहां बहनें पूजन करके भाइयों के टीका लगाती हैं, वह उन्हें मिठाई आदि देती हैं ओर स्वयं चना ओर चावल का बना हुआ बासी भोजन उस दिन करती हैं। इसके बदले में भाई यथा शक्ति द्रव्य अपनी बहनों को उपहार के रूप में देते हैं।