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ठीकरी पैसा बराबर – Fine money equal to stone

ठीकरी पैसा बराबर

परमहंस रामकृष्णदेव गङ्गा-किनारे बैठ जाते थे। एक ओर रुपये-पैसों का ढेर लगाकर और एक ओर कंकड़ों की ढेरी रखकर। एक मुट्ठी में पैसे और एक में कंकड़ लेकर वे कहते—यह कंकड़, यह पैसा और फेंक देते दोनों मुट्ठी गङ्गा में।

Fine money equal to stone.
ये कंकड  वे पैसों की मुट्ठी को देखकर कहते और फिर कंकड़ों की मुट्ठी को देखकर कहते–ये पैसे! | दोनों मुट्ठी फिर गङ्गाजी में विसर्जित हो जातीं। परमहंसदेव के इस अभ्यास के फलस्वरूप ऐसी स्थिति हो गयी कि उनके शरीर से कोई धातु भूल से छू जाती तो वह अङ्ग सूना पड़ जाता। बहुत देर में उस अङ्ग की चेतना लौटती।
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