दुर्गा अष्टमी
दुर्गा दुर्गणों का नाश करने वाली। जिस प्रकार शंकर को कामदेव को भस्म करते हुए दिखाया जाता है उसी प्रकार शिव की शक्तियां भी आत्मज्ञान के तीसरे नेत्र के द्वारा महिषासुर जैसे पुरुषों की दृष्टि एवं कामी प्रवृति को समाप्त कर सकती है। दुर्गाष्टमी आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को दुर्गा अष्टमी के रूप में मनायी जाती है। इस दिन दुर्गा देवी की पूजा की जाती है। भगवती को उबले हुए चने, हलवा, पूरी, खीर आदि का भोग लगाया जाता है। और कंजक जिमाई जाती है। पश्चिमी बंगाल में दुर्गा मां को अधिक मान्यता देते हुए वहां बहुत बड़े उत्सव का आयोजन किया जाता है।