अशोक व्रत
यह ब्रत अश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा को किया जा सकता है। इस व्रत में अशोक के वृक्ष की पूजा की जाती है। अशोक के वृक्ष की घी, गुड, हल्दी, रोली, कलावा आदि से पूजा की जाती हे। और जल से अर्ध्य देते हैं। यह व्रत बारह वर्ष तक करना पड़ता है। उद्यापन के समय सोने का वृक्ष -बनवाकर कुलगुरु से पूजन कराकर उन्हें समर्पित कर देते हें। अशोक ब्रत को करने वाले स्त्री-पुरुष शिवलोक को प्राप्त होते हैं।