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चरखा परे हटा लें री – charkha pare hatale re – Kabir ke shabd

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 


कबीर के शब्द

चरखा परे हटा लें री, मेरी सूरत राम में लागी।
किसके पिसूं पीसने, नादान उम्र सै काची।
सूरत निरत के बांध घुंघरू,  साहब आगे नाचीं।

किसके कातूँ कातने री, ना मनै बोई बाड़ी।
ओरं की मनै के पड़ी, मैं आपै फिरूँ उघाड़ी।।

चरखा छोड़ा पीढ़ा छोड़ा,२ कातना सूत।
संग की सहेली सारी छोड़ी,  छोड़ा सास का पूत।।

मीरा से माता कहे रे, तूँ किसने बहकाई।
रामनाम म्हारे कुल में ना था,
तूँ कित तैं सुन आई।। माता से मीरा कह रे, मैं सन्तों की दासी।
ओरां की मनै के पड़ी, मैं भजन करूँ दिन राती।।

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