ब्रह्म गौरी पूजन व्रत
यह ब्रत पौष मास की शुक्ल पक्ष तृतीय को किया जाता है। इस तिथि को जगजननी गोरी का षोडशोपचार पूजन करना चाहिए। यह मुख्य रूप से स्त्रियों का ब्रत पर्व है। गौरी पूजन के प्रभाव से पति पुत्र चिरंजीवी होते हैं, तथा परमाधाम भी सुगम हो जाता है।