भीष्म पंचक
यह ब्रत कार्तिक शुक्ला एकादशी से प्रारम्भ होकर पूर्णिमा को समाप्त होता है। इसको ‘पंचभीका’ भी कहते हैं। कार्तिक का स्नान करने वाले स्त्री पुरुष पांच दिन का निराहार (निर्जल) ब्रत करते हैं। अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष के लिए यह ब्रत किया जाता हे।