बाबा वेद्यनाथ धाम
बिहार प्रान्त के जे.सी.डी. रेलवे जंक्शन से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर देवघर है जहां भगवान भोलेनाथ वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं। सावन भादों में लाखों भक्त काँवड चढ़ाते हैं। यहां कुछ भक्त डाक काँवड भी चढाते हैं। जिन्हें डाक बम कहा जाता हे। ये भक्त 16 से 24 घण्टे के बीच में ही सुल्तानगंज से जल भरकर 105 किलोमीटर का रास्ता बगैर रुके देवघर पहुंच जाते हैं। बाबा धाम की पदयात्रा नंगे पैर ही पूरी करनी होती है। काँवड में दो कलशों में गंगाजल होता है। एक कलश का गंगाजल बाबा वेद्यनाथ पर चढाते हैं और दूसरे कलश का गंगाजल देवघर से 44 किलोमीटर दूर बाबा वासुकीनाथ पर चढ़ाते हें। बाबा वासुकीनाथ भक्त बस से या पैदल यात्रा द्वारा भी पहुंच सकते हें।
मार्ग में काँवड़ पूजन विधि
काँवड लेकर चलने से पहले प्रातःकाल या सांयकाल को विश्राम देने पर दोनों समय काँवड की पूजा करनी चाहिए।
1. श्री गणेश वन्दना. 2. श्री गंगाजी की आरती; 3. श्री शंकर भगवान की आरती; 4. हनुमान जी की आरती और क्षमा याचना। यात्रा में आवश्यक सामान 1. काँवड-श्रद्धा से सजी हुई व दो जलपात्र; 2. तीन जोड़ी कपड़े भगवा रंग के-पहला 3 बनिया, दूसरा 3 कच्छे और तीसरा 3 गमछे; 3. एक दूध वाली बाल्टी ( एक लिटर वाली); 4. तीन मीटर लम्बी एक प्लास्टिक की पन्नी या चटाई; 5. एक थेला या बेग लटकाने वाला; 6. एक बेटरी; 7.एक चादर; 8. एक चाकू; 9. रेजगारी इच्छानुसार; 10. सुतली; 11. दवाई अगर आवश्यक हो तो। | पूजा का सामान. 1. प्रसाद यथा शक्ति-मिसरी, बादाम, या बताशे इत्यादि; 2. हि: या अगरबत्ती; 3. कपूर; 4. छोटी हाफ प्लेट स्टील की (आरती के लिये )। 5. कलश ढकने के लिये छोटे लाल कपडे; 6. आरती की पुस्तक।