गोमुख व हरिद्वार
गोमुख गंगाजी का उद्गम स्थल ओर हरिद्वार की हर की पैड़ी से लाखों काँवडिये काँवड में गंगाजल भरकर पदयात्रा करते हुए अपने-अपने राज्यों में जाते हैं और गंगाजल से शिवजी का जल द्वारा अभिषेक करते हें। हरियाणा प्रान्त में बाद्योत जिला महेन्द्रगढ़, यू.पी. में पुरा-महादेव, जिला मेरठ में लाखों काँवड चढ़ती हैं। इसके अलावा अपने-अपने नगरों में जहां काँवडिये स्थानीय शिवालयों में पूजा करते हैं। जिनमें पुरानी दिल्ली में रेलवे स्टेशन के सामने “श्री बनखण्डी महादेव मन्दिर’, लालकिला के सामने ‘श्री गौरी शंकर मंदिर” एवं कमला नगर में “राधा-कृष्ण मंदिर’ अधिक प्रसिद्ध हैं। वहां पर काँवड़ के जल से भगवान भोलेनाथ का जल ट्वारा अभिषेक करते हें।
कोलकाता
तारकेश्वर मन्दिर कोलकाता में स्थित है। यहां श्रावण मास में लाखों की तादाद में काँवड चढ़ायी जाती है। कालीघाट में तारकेश्वर की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है, व सेवड़ा पुली से तारकेश्वर की दूरी लगीग 32 किलोमीटर है। यहां से भक्त कावड में गंगाजल भरकर रे जाते हैं और तारकेश्वर महादेव व लोकनाथ पर जल चढ़ाते हैं। यहां काँवडिये तारक बम बोलते हुये आगे बढ़ते जाते हैं।