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आशा भोगती का व्रत – हिन्दुओ के व्रत और त्योहार

आशा भोगती का व्रत 

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यदि कोई आशा भोगती का ब्रत करना चाहे तो वह श्राद्ध में अष्टमी से शुरू करे। आशा भोगती का ब्रत श्राद्ध में अष्टमी से शुरू होकर आठ दिन तक चलता है। उस दिन गोबर से आठ कोने रसोई के पोतें, आशा भोगती की कहानी सुन कर आठों कोनों पर यह चीजें चढ़ा दें-जैसे-दूध, 8 रुपये, 8 रोली के छींटे, 8 मेंहदी के छींटे, 8 काजल की टिक्की दें एक-एक सुहाली चढ़ाएं। एक दीपक जलायें। एक-एक फल, एक सुहाग पिटारी आखिरी दिन चढ़ायें। 8 दिन तक इसी तरह पूजा करें और आखिरी दिन ब्रत करें। ब्रत करके आठ सुहाली का बायना निकालें। 8 वर्ष तक इसी ब्रत के साथ पूजा करें और 9वें वर्ष में इस व्रत का उद्यापन कर देना चाहिए। आठ दिन तक आशा भोगती की पूजा करने के पश्चात्‌ नवें में उद्यापन करें तब तक उसी प्रकार पूजा करें। 8 सुहाग पिटारी में सुहाग की सारी चीजें डाल दें। आठ सुहाग पिटारी में 8 सुहाली भी डाल दें और पैर छुकर दक्षिणा दें। आशा भोगती की पूजा करने के पश्चात्‌ कहानी सुननी चाहिए।
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