आँमला नोमी
गोपाष्टमी से अगले दिन आमंला नौमी होती है। आंमला नौमी को आंवले के वृक्ष की पूजा करें। जल, मोली, रोली, चावल गुड़, सुहाली, पतारा, आंवला, एक ब्लाऊज, दक्षिणा चढ़ाएं। दीया ओर धूप जलाकर एक सौ आठ फेरे दें। कहानी कहें। ब्राह्मण ब्राह्माणी का ब्लाऊज देकर जिमायें, धोती दक्षिणा दें। भोजन में आंवले का होना जरूरी है और स्वयं भी भोजन करें। आपकी इच्छा हो तो दक्षिणा, गहना डालकर लाल कपडे में बांधकर ब्राह्मण को दें।