अमर सिंह, जिन्हें चमकिला के नाम से भी जाना जाता है, पंजाबी संगीत उद्योग के एक प्रमुख और प्रसिद्ध नाम थे। उनका जन्म 21 जनवरी 1960 को लुधियाना, पंजाब में हुआ था। चमकिला ने पंजाबी लोक संगीत को नए आयाम दिए और अपनी अद्भुत आवाज़ और गीतों के माध्यम से लोगों के दिलों में स्थान बना लिया।
अमर सिंह चमकिला का मार्गदर्शन उनके पिता ने किया, जो भी एक लोक-संगीत संगीतकार थे। चमकिला को बचपन से ही संगीत का शौक था और वह बहुत छोटी उम्र में ही संगीत के क्षेत्र में कदम रख दिया। उन्होंने अपने अनुसार पंजाबी लोक-संगीत के क्षेत्र में काम किया और अपनी अद्वितीय शैली के लिए प्रसिद्ध हुए।
चमकिला की संगीत करियर ने उन्हें देशभर में मान्यता प्राप्त कराई। उनके गानों में पंजाबी संस्कृति, समाजिक मुद्दे और जीवन की वास्तविकता को छूने वाले शब्द होते थे। उनके गाने आम जनता के बीच बहुत ही लोकप्रिय थे और उन्हें लोगों का दिल जीतने का काम किया।
हालांकि, चमकिला के जीवन में भी कई कठिनाईयों ने उन्हें चुनौती दी। उनकी कुछ गानों के कुछ भावनात्मक संदेशों के कारण, उन्हें समाज में विवादों का सामना करना पड़ा। वे गानों में विवादित मुद्दों को उठाते थे, जिससे कई बार उन्हें समाज की निंदा का सामना करना पड़ा।
चमकिला की असमय मौत ने संगीत उद्योग को एक अधूरे ख्वाब से भरा हुआ महसूस किया। उनका निधन 8 मार्च 1988 को हुआ, जिसका कारण आज भी अज्ञात है।
अमर सिंह चमकिला की कला, उनका संगीत, और उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। उनका योगदान पंजाबी संगीत के इतिहास में अमर रहेगा, और उन्हें हमेशा याद किया जाएगा जैसे एक सच्चे कलाकार के रूप में।
अमर सिंह चमकिला की जीवनी से हमें एक कठिन यात्रा का परिचय मिलता है, जिसमें संगीत और समाज के मुद्दों के साथ उनकी आत्मा की दिशा की एक उत्क
ृष्टता है। उनका योगदान हमेशा सराहा जाएगा और उन्हें समर्पित फैंस द्वारा सम्मानित किया जाएगा।