वट सावित्री व्रत
इस ब्रत को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयादेशी से अमावस्या अथवा पूर्णिमा तक करने का विधान हे।
ज्येष्ठ मास की कृष्ण अमावस्या को बड़ सायत अमावस मनाई जाती हे। बड़ सायत अमावस को बड़ के पेड़ की पूजा की जाती है।
वट सावित्री व्रत की कहानी