Home Satkatha Ank धन का गर्व उचित नहीं-Proud of wealth is not appropriate

धन का गर्व उचित नहीं-Proud of wealth is not appropriate

4 second read
0
0
78
Dhan ka garv uchit nhi
धन का गर्व उचित नहीं
कोई धनवान् पुरुष अपने मित्र के साथ कहीं जा रहे थे। मार्ग मे एक विपत्ति में पड़े कंगाल को देखकर मित्र का हाथ दबाकर वे व्यंगपूवंक हँस पड़े। समीप से ही कोई विद्वान् पुरुष जा रहे थे। धनी का यह व्यवहार उन्हें अनुचित प्रतीत हुआ । वे बोले…
If a man is proud of his wealth funny Men's Premium T-Shirt ...
Proud of Wealth is not appropriate.
आपत्गतं हससि किं द्रविणान्थमूढ 
लद्रमी’: स्थिरा न भवतीह किमत्र चित्रम्।
किं त्वं न पश्यसि घटाञ्जलयन्त्रचक्रे 
रिक्ता भवति भरिता भरिताश्च रिका: ।। 
अरे ! धन के घमंड से अंधे बने मूर्खा आपत्ति में पड़े व्यक्ति को देखकर हँसता है, किंतु लष्मी कहीं स्थिर नहीं रहती, अत: इसमें (किसी के कंगाल होने में) विचित्र बात क्या है। क्या तू रहँट की ओर नहीं देखता कि उसमें लगी भरी डोलियाँ खाली होती जाती हैँ और खाली हुई फिर भरती हैं । यह बात सुनकर वह धनवान् लज्जित हो गया ।
Load More Related Articles
Load More By amitgupta
Load More In Satkatha Ank

Leave a Reply

Check Also

What is Account Master & How to Create Modify and Delete

What is Account Master & How to Create Modify and Delete Administration > Masters &…