उचित गौरव
एक भंगिन शौचालय स्वच्छ करके जब चलने लगी तब किसी भले आदमी ने कोतुहल वश पूछा – तुम्हे यह काम करने में घृणा नहीं लगती ? तुम इतनी दुर्गन्ध सह कैसे लेती हो ?
भंगिन ने उत्तर दिया – हमारे बड़े लोगो ने बताया है कि सृष्टिकर्ता ने हमें मनुष्य मात्र की माता का पद दिया है अपनी संतान का मल स्वच्छ करने में माता को कभी घृणा नहीं लगती है या दुर्गध आयी है ?