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भगवान राम की कहानी – तुम्हारे ही लिये राम वन जा रहे हैं – Lord Rama and Laxman Ji Story in Hindi.

तुम्हारे ही लिये राम वन जा रहे हैं।

माता सुमित्रा अपने पुत्र लक्ष्मण का श्रीरामजी की सेवा के लिये वन जाने का विचार सुनकर अत्यन्त प्रमुदित हो गयीं। उन्होंने जो कुछ कहा, वह सर्वथा आदर तथा अनुकरण के योग्य है। वे बोलीं-बेटा! सीता तुम्हारी माता हैं, सब प्रकार स्नेह करने वाले राम तुम्हारे पिता हैं।

जहाँ सूर्य है, वहीं दिन है। इसी प्रकार जहाँ राम रहते हैं, वहीं अयोध्या है। यदि राम-सीता वन जाते हैं तो अयोध्या में तुम्हारे लिये कोई कार्य नहीं है। तुम महान्‌ भाग्यशाली हो, तुमने मुझको भी धन्य कर दिया। बेटा! मैं तुम्हारी बलिहारी जाती हूँ। जगत में पुत्रवती तो वही युवती है, जिसका पुत्र भगवान्‌ श्रीराम का भक्त होता है। जो रामविमुख पुत्र से हित समझती है, उसका तो बाँझ रहना ही अच्छा था।

Bhagwan Ram or Laxman ji Kahani in hindi
वह तो व्यर्थ ही ब्यायी (पशु-मादा की तरह उसने संतान पैदा की)। बेटा! तुम यही समझो कि बस, राम तुम्हारे ही कारण वन जाते हैं। श्रीराम-सीता के चरणों में सहज प्रेम होना ही समस्त सुकृतों का महान्‌ फल है। राग, क्रोध, ईर्ष्या, मद, मोह-इनके वश स्वपन  में भी मत होना और सारे विकारों को छोड़कर तन-मन-वचन से सेवा करना।
लक्ष्मण जी के शक्ति लगने का समाचार पाकर माता सुमित्रा ने कहा था – राम के काम में जीवनदान करके लक्ष्मण तो धन्य हो गया। अब शत्रुघन! तू जाकर अपने जीवन को सफल कर। धन्य माता, धन्य सौतेली माता और धन्य भगवदनुराग की मूर्ति सुमित्रा!
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