तुम्हारे ही लिये राम वन जा रहे हैं।
माता सुमित्रा अपने पुत्र लक्ष्मण का श्रीरामजी की सेवा के लिये वन जाने का विचार सुनकर अत्यन्त प्रमुदित हो गयीं। उन्होंने जो कुछ कहा, वह सर्वथा आदर तथा अनुकरण के योग्य है। वे बोलीं-बेटा! सीता तुम्हारी माता हैं, सब प्रकार स्नेह करने वाले राम तुम्हारे पिता हैं।