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How did Griegel save his father from the gallows? |
नियत दिन आ पहुँचा । ग्रीजेल ने अपना वेष पुरुष का बनाया और वह डाकिये के मार्ग में खडी हो गयी । वह घोड़े पर सवार थी और हाथ मे एक भरी पिस्तील भी लिये थी। डाकिया आया। ग्रीजेल ने डपटकर उसे रोका और सारी डाक माँगी। डाकिये के हाथ में भी पिस्तौल थी। उसने उसे ग्रीजेल पर चला दिया । एक-एक कर उसने धायँ-धायँ कईं गोलियाँ दाग दीं। ग्रीजेल सामने खडी हँस रही थी। गोली से उसको कुछ न हुआ।
(डाकिया रात को जहां सराय मे विश्राम करता था, ग्रीजेल पहले वहीं पहुँची और थैले से फरमान निकालने के प्रयत्न मे लगी थी डाकिया का थैला वही रखा था, पर उसके अगल बगल मे कईं और व्यक्ति सोये थे। उसने जब देखा कि वहा उसका प्रयास सफल न होगा तो उसने बगल मे पडी डाकिये की पिस्तौल मे से सारी गोलिया निकालकर उसके स्थान पर झूठी गोलियां भर दीं और वैसे ही रखकर दूसरे दिन रास्ते में फरमान लेने को खडी हो गयी थी। डाकिये को इसका कोई पता तो था नहीं। इस लिये झूठी गोलियां दागकर वह मुँह ताकता रह गया)