गोवर्धन पूजा ( अन्नकूट )
इस दिन प्रात काल शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान करना चाहिए। दिवाली के दूसरे दिन सुबह अन्नकूट की रसोई बनाएं और सब तरह की रसोई मिठाई का भगवान को भोग लगायें, ब्राह्मण को जिमाये और अन्नकूट का प्रसाद सबको बांटकर खुद भी लें। सुबह नहां धोकर पहले गोवर्धन की पूजा करें। गोवर्धन गोबर से बनाएं। गोवर्धन पर जल, मोली, रोली, चावल, फूल, दही, तेल में भिगोकर रूई, तेल का दीया जलाएं। मूंग की दाल, चीनी, चार गुड़ की सुहाली, दक्षिणा, सफेद कपड़ा चढ़ाएं ओर गोवर्धन के सिर पर झरना रख दें। पूजा करने के बाद वापस अपने घर में रख लें ओर चार फेरी दें। गोवर्धन का गीत गाएं, चार बधावे गाएं। पूजा का चढ़ावा मिसरानी को दें।