गणेश चौथ का ब्रत ( सकट )
माघ कृष्ण पक्ष की चौथ को गणेश चौथ का ब्रत होता है। इसे संकष्ट चतुर्थी या सकट चौथ कहते हैं। सुबह पहले सिर सहित नहायें, मेहंदी लगायें और सफेद तिल ओर गुड़ व तिलकुट बनायें। एक पटटे पर जल का लोटा, चावल, रोली, एक कटोरी में तिलकुट और रूपये रखकर जल के लोटे पर सतिया बनाकर तेरह टिक्की करें ओर चौथ व बिन्दायक जी की कहानी सुनें। तब थोड़ा सा तिलकुट ले लें। कहानी सुनने के बाद एक कटोरी में तिलकुट ओर रुपये रखकर हाथ फेरकर सासूजी के पैर छूकर दे दें। जल का लोटा ओर हाथ के तिल उठाकर रख दें। शाम को चन्द्रमा को अर्घ्य देकर जीम लें। एक रुपया ओर तिलकुट जो मिसरानी कहानी कहे उसे दे दें। जब खाना खायें तिलकुट जरूर खायें।