धन तेरस
धन तेरस की प्राचीनता का प्रमाण वैदिक साहित्य में भी पाया जाता है। चूंकि यमराज वैदिक देवता माने जाते हैं, इसलिए इस दिन यमराज की भी पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन लक्ष्मी का आवास होता है। कार्तिक लगते की तेरस को धन तरस कहते हैं। धन तेरस के दिन एक मिट्टी का दीपक बना लें। बाद में रात को जीमने के बाद सिर्फ औरतें दीपक का पूजन करें और दीपक में तेल डाल उसमें चार बत्ती एक कोड़ी में छेद कर दीपक जला दें। जल का छीटा दें, रोली, चावल, चार सुहाली, थोड़ा सा गुड़, फूल दक्षिणा, धूप रख दें। चार फेरी देकर बाद में दीपक उठाकर अपने घर के आगे रख दें। सुबह दीपक में से कोड़ी निकालकर रख दें। यदि धन तेरस के दिन आपके घर में पुराना बर्तन हो तो उसको देकर नया बर्तन ले आयें। हो सके तो चांदी का बर्तन भी मंगवाना चाहिए।