आखेट तथा असावधानी का दुष्परिणाम
अनेक बार तनिक-सी असावधानी दारुण दुःख का कारण हो जाती है। बहुत-से कार्य ऐसे हैं, जिनमें नाम मात्र की असावधानी भी अक्षम्य अपराध है। चिकित्सक का कार्य ऐसा ही है और आखेट भी ऐसा ही कार्य है। तनिक-सी भूल किसी के प्राण ले सकती है और फिर केवल पश्चात्ताप हाथ रहता है।