छोटी सॉंकली
यदि कोई सॉकली करता हो तो उसे पूर्णिमा से व्रत करना चाहिए। उसे दो दिन भोजन करके एक दिन ब्रत करना चाहिए। यदि बीच में एकादशी हो या रविवार पड़े तो वह दो दिनों तक बिल्कुल भोजन का सेवन न करे। एक माह तक इस प्रकार ब्रत करे। ब्रत पूरा होने के बाद उद्यापन करे। उद्यापन में हवन कराके 33 ब्राह्मण जिमा दें या 3 सीधे दें। एक ब्राह्मण और एक ब्राह्मण को जोड़े से जिमाएं। एक साड़ी ओर रुपये रखकर हाथ फेरकर सास के पेर छूकर दे दें।
बड़ी सॉंकली
यदि कोई बड़ी साँकली करता हो तो उसे पूर्णिमा और एक दिन का ब्रत करना चाहिए बाद में एक दिन भोजन का सेवन करें। यदि बीच में एकादशी या रविवार पड़ जाये तो उस दिन भी ब्रत करे। उद्यापन भी छोटी सॉकली की ही तरह किया जाना चाहिये।