अल्बर्ट आइंस्टीन, जिन्हें दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है, का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के उल्म शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन और माता का नाम पौलिन आइंस्टीन था। उनके पिता एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे और माता एक गृहिणी थीं। अल्बर्ट का बचपन म्यूनिख में बीता जहां उनके पिता का एक इलेक्ट्रिकल सामान बनाने का व्यवसाय था।
अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लुइटपोल्ड जिम्नेजियम में प्राप्त की। वे एक सामान्य छात्र थे और उनकी प्रारंभिक शिक्षा के दौरान उन्हें कोई विशेष रुचि नहीं थी। हालांकि, बाद में उन्होंने गणित और विज्ञान में अपनी रुचि दिखाई और 12 साल की उम्र तक वे उच्च स्तर के गणित को समझने लगे थे। उनकी प्रतिभा ने उन्हें विशेष पहचान दिलाई और वे अपने अध्यापकों के प्रिय छात्र बन गए।
1896 में, आइंस्टीन ने स्विस फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल में दाखिला लिया, जहां उन्होंने भौतिकी और गणित का अध्ययन किया। 1900 में, उन्होंने अपनी डिग्री पूरी की और 1905 में, उन्होंने पीएचडी प्राप्त की। 1905 को ‘वंडर जहर’ (चमत्कारी वर्ष) कहा जाता है क्योंकि इस वर्ष में आइंस्टीन ने चार प्रमुख शोध पत्र प्रकाशित किए जिन्होंने भौतिकी के क्षेत्र में क्रांति ला दी।
आइंस्टीन की सबसे प्रसिद्ध खोज है सापेक्षता का सिद्धांत, जिसमें विशेष सापेक्षता और सामान्य सापेक्षता शामिल हैं। विशेष सापेक्षता के सिद्धांत ने समय और अंतरिक्ष की प्रकृति को पुनर्परिभाषित किया और इसमें प्रसिद्ध समीकरण E=mc^2 प्रस्तुत किया। यह समीकरण द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच संबंध को दर्शाता है। सामान्य सापेक्षता का सिद्धांत गुरुत्वाकर्षण को समझाने के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है और इसके द्वारा ब्लैक होल्स, ब्रह्मांड का विस्तार और गुरुत्वाकर्षण तरंगों की समझ में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अल्बर्ट आइंस्टीन का निजी जीवन भी उतना ही दिलचस्प है जितना उनका वैज्ञानिक करियर। 1903 में, उन्होंने मिलवा मैरिक से विवाह किया और उनके दो बेटे हंस और एडुआर्ड हुए। हालांकि, 1919 में उनका तलाक हो गया और उसी वर्ष उन्होंने अपनी चचेरी बहन एल्सा से विवाह किया। आइंस्टीन एक शांतिप्रिय व्यक्ति थे और उन्होंने हमेशा शांति और मानवता के लिए काम किया। वे एक महान विचारक, लेखक और संगीत प्रेमी भी थे।
अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में प्रिंसटन विश्वविद्यालय में काम किया और वहां उन्होंने अपने शोध को जारी रखा। उन्होंने विश्व शांति और सामाजिक न्याय के लिए भी काम किया। 1940 में, उन्होंने अमेरिकी नागरिकता प्राप्त की। 18 अप्रैल 1955 को न्यू जर्सी के प्रिंसटन में उनका निधन हो गया।
अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन और उनका कार्य विज्ञान और मानवता के लिए अपार योगदान के प्रतीक हैं। उनके सिद्धांतों और खोजों ने भौतिकी के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी और आज भी वे वैज्ञानिक जगत के प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि समर्पण, कठोर परिश्रम और असीम जिज्ञासा से हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।