करवा चौथ के व्रत का उधापन
जिस वर्ष लड़की की शादी होती है उस वर्ष बहू के मायके से चौदह चीनी के करवे (उनमें पांच पांच पताशे, रुपया रखकर) सबके मोली बांधकर, रोली से सतिया करके, साड़ी ब्लाउज पैर पड़ाई के रुपये चौदह ढक्कन वाले बर्तन, एक लोटे में चावल, दामाद के कपडे, एक खांड (चीनी) का करवा, एक मिटटी का करवा अथवा सामर्थ्यनुसार स्टील या चांदी का करवा पानी भरकर नाला बांधकर सतिया करके तेरह टिक्की करके फल, मिठाई, पूरी, सब्जी, हलवा आदि के साथ विशेष बायना भी आता है। यदि किसी के यहां पर ज्यादा खर्च हे तो चीनी के करवे व बर्तन चौदह की जगह इक्कीस भी दे सकते हैं। इस ब्रत में चन्द्रमा की अध्य देने के बाद ही खाना खाते हैं और इस ब्रत में फलाहार नहीं होता।
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