5 Tirth Yatra Tips : तीर्थ यात्रा करते वक़्त ध्यान रखनी चाहिए ये 5 बातें
1. तीर्थ क्षेत्र में जाने पर मनुष्य को स्नान, दान, जप आदि करना चाहिए। अन्यथा वह रोग एवं दोष का भागी होता है।
इस श्लोक का अर्थ यह है कि किसी दूसरी जगह किया हुआ पाप तीर्थ में जाने से नष्ट हो जाता है, लेकिन तीर्थ में किया हुआ पाप कभी नष्ट नहीं हो पाता है। अत: तीर्थ क्षेत्र में कोई अधार्मिक कर्म नहीं करना चाहिए।
3. जब कोई व्यक्ति अपने माता-पिता, भाई, परिजन अथवा गुरु को पुण्य फल दिलवाने के उद्देश्य से तीर्थ में स्नान करता है, तब स्नान करने वाले व्यक्ति को पुण्य फल का बारहवां भाग प्राप्त होता है।
4. जो व्यक्ति दूसरों के धन से तीर्थ यात्रा करता है, उसे पुण्य का सोलहवां भाग प्राप्त होता है।
5. जो व्यक्ति किसी दूसरे कार्य से तीर्थ में जाता है तो व्यक्ति को तीर्थ जाने का आधा पुण्य फल प्राप्त होता है।