गुरु बिन ज्ञान ( एकादशी )
गुरु बिन ज्ञान गंगा बिन तीर्थ, एकादशी बिना ब्रत कहाँ हे? बालु की भीत अटारी को चढ़नों, ओढे की प्रीत कटारी को मरनो, गुरु बिन ज्ञान …
मन ना मिले वासे मिलनो का है, प्रीत करे वासे कपट कहाँ हे? गुरु बिन ज्ञान…
गुरु से कपट मित्र से चोरी, या होवे निर्धन या होवे कोढी
गुरु बिन ज्ञान ,,
माँ बिन लाड पिता बिन आदर, बिन भैया ब्यौसार कहाँ है गुरु बिन ज्ञान …
सास बिन लाड ससुर बिन आदर, बिन पति के श्रंगार कहाँ है? गुरु बिन ज्ञान …
धन बिन मान पुरुष बिन आदर, बिन पुत्र परिवार कहाँ है?गुरु बिन ज्ञान …
पोथी बिन पंडित खड़ग बिन क्षत्री, बिन सुमिरन के स्वर्ग कहाँ है? गुरु बिन ज्ञान…
गंगा न नहायी वाको नहानो क्या हे, दान न दिया वाको पुन्य कहाँ है? गुरु बिन ज्ञान ……
गुरु जी के कारण मैंने कुटुम्ब संजोया, नंद जू को लाला मेरे अँगना में आयो। यशोदा को लाला मेरे. अँगना में आयो॥ गुरु बिन ज्ञान …