गाज का व्रत
इस व्रत को भाद्रपद में किया जाता है। यदि किसी के यहां पुत्र का जन्म हुआ हो या पुत्र का विवाह हुआ हो तो उसी वर्ष भाद्रपद माह में किसी भी शुभ दिवस को देखकर गाज॑ का ब्रत करके उद्यापन किया जाता है।सात जगह चार-चार पूडी और हलवा रखकर उस पर कपड़ा व रुपये रख दे।