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Don’t Let The Rules Break
बेचारे विद्यार्थी को पर्याप्त रात रहते उठना पड़ा। अँधेरे में ही चलकर वह उनके पास आया । परंतु केवल एक पंक्ति लिखवाकर वे बोले-आज का काम हो गया। अब जा सकते हो। |
नियम टूटने मत दो-Don’t let the rules break
नियम टूटने मत दो
एक विद्वान् पुरुष ग्रन्थ रचना करने में लगे थे। एक निर्धन विद्यार्थी को सहायता करने की इच्छा से उन्होंने उसे अपना लेखक बना रखा था । विद्यार्थी दूर रहता था । प्रतिदिन पैदल चलकर आता था । वे दो घंटे बोलते जाते थे और वह विद्यार्थी लिखता जाता था । एक दिन उन्होंने उस विद्यार्थी से कहा-कल कुछ रात रहते ही आ जाना। ग्रन्थ लिखवाकर मुझे बाहर जाना है।
विद्यार्थी झुंझलाया । वह कुछ बोला नहीं; किंतु उसके मुख का भाव देखकर वे बोले-असंतुष्ट मत हो । आज तुमको ऐसी शिक्षा मिली है, जिस पर यदि चलोगे तो जीवन में सफलता प्राप्त करोगे। वह शिक्षा यह है कि जो नियम बनाओ, उसे टूटने मत दो । चाहे जैसी स्थिति आवे, नियम का नित्य निर्वाह करो ।