“जब से क्यो नहीं कहा”!
एक नवयुवक अपनी पत्नी को लाने के लिए अपनी ससुराल गया। जब वह ससुराल गया तो वहां सास को बीमार देखा। सासु जी के बीमार होने के कारण घर में खिचड़ी बनी थी। दामाद के लिए विशेष खाद्य सामग्री बनाई गईं। नवयुवक ने पूछा कि सासु जी क्या खाती हैं। उन्हें बताया गया कि वे तो खिचड़ी खाती हैं। तो दामाद राजा बोले तो हमारे लिए भी खिचड़ी ही बनायी जाया करे। हम कोई घर से अलग थोड़ी ही हैं। ससुराल वालों ने बाध्य होकर दामादजी को खिचड़ी ही खिला दी। खिचड़ी में घी ‘ पड़ा रहने के कारण दामाद जी को खिचड़ी बहुत स्वादिष्ट लगी। जब दामाजी घर को जाने लगे तो उन्होंने रिबचड़ी का _ नाम पूछा और रास्ते भर उन्होंने रटना शुरू कर दिया। .. भाग्यवश खिचड़ी-खिचड़ी कहते हुए उनके मुँह से ‘ खाचिड़ी निकलती रही। रास्ते में एक किसान अपने खेत की ‘ रखवाली करते-करते परेशान हो गया था। इस खाचिड़ी ‘ । खाचिड़ी शब्द को सुनकर उस नवयुवक ( दामाद ) को बहुत , । पीटा गया और उससे कहा गया, मूर्ख खाचिड़ी नहीं उड़चिड़ी । ल् बोल। तब उसने उड़चिड़ी उड़चिड़ी कहना प्रारम्भ कर दिया। ) आगे एक चिड़ीमार जाल बिछाये बैठा था। वह उसकी , | बात सुनकर चिड़ीमार ने उसकी खूब धुनाई कर डाली और ‘ ल् बोला–सुबह ये यह समय हो गया परन्तु अभी तक कोई ) चिड़िया नहीं फँसी है और तू कहता है कि उड़चिड़ी! युवक ( ) बोला तो महाराज! मैं क्या कहूँ। चिड़ीमार ने उसे समझाया ( / और कहा कि फंदे में आ चिड़ी कह। अब वह युवक यही रटते-रटते चलने लगा। । | __ कुछ आगे जाने पर उसे कुछ चोर दिखाई दिये जो चोरी । । करने जा रहे थे। चोरों ने जब सुना कि नवयुवक कह रहा है , ) फंदे में आ चिड़ी तो चोर समझे यह हमारा सगुन बिगाड़ रहा ; ‘ है। अतः उन्होंने उसे खूब मार लगाई और उससे कहा कि इस | प्रकार बोल–ले ले आओ और घर घर जाओ। बेचारे , नवयुवक ने अब यह रट लगाना प्रारम्भ कर दिया ले-ले ( आओ और घर घर जाओ | परन्तु दुर्भाग्यवश आगे एक आदमी का जवान बेटा मर गया था। लोग उसके पीछे रोते जा रहे , थे। इस नवयुवक के ये शब्द उन सभी को बुरे लगे और कुछ ६ लोगों को क्रोध भी आ गया और नवयुवक को बुरी तरह । पीटने लगे। कुछ समझदार लोगों ने उसे छुड़ा कर कहा ऐसा ५ नहीं कहा करते। तुम यह कहा करो “ऐसा किसी के न्॒« हो।” इसको रटते-रटते युवक आगे बढ़ता गया। यहाँ पर एक पुत्र का राजतिलक हो रहा था। जब उस नवयुव्क के
शब्द राज्य कर्मचारियों ने सुने तो उन्होंने भी उसे पकड़ कर
मारना शुरू कर दिया और उसे ले जाकर राजा के सामने
उपस्थित कर दिया। राजा ने उदारता प्रकट करते हुए उसे
छोड़ दिया और कहा -भाई! यह कहा करो कि ऐसा सबके
यहाँ हो। जब वह युवक अपने घर पर आ गया तो उसने
अपनी पली से कहा कि मेरे लिए ऐसा सभी के हो बना दो |
पत्नी ने कहा मैं तो नहीं जानती | वह रुष्ट होकर अपनी पतली की अच्छी तरह पिटाई करने लगा। तमाम औरतें एकत्र हो
गईं। नवयुवक की पत्नी बुरी तरह से रो रही थी। दूसरी: औरतों ने पूछा अरी क्या बात है? वह बोली कि मुझे बिना
कारण मारते-मारते मेरी खिचड़ी बना दी। पति बोला जब
से क्यों नहीं कहा बस खिचड़ी बना दो।