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कजूसी मे जान दे दी

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कजूसी मे जान दे दी 

पुराने समय की बात है कि इन्द्र का हाथी एक गाँव में 
ईख खाने आया करता था।एक दिन जब हा थी ईख खाकर 
लौटने लगा तो एक आदमी ने उसकी पूँछ पकड़ ली और उसके साथ स्वर्ग में चला गया। 
दूसरे दिन जब इन्द्र का हाथी वहाँ पर फिर ईख खाने 
को आया तो वह आदमी भी उसकी पूँछ पकड़ कर लौट 
आया। उसने गाँववासियों को स्वर्ग का हाल बतलाया और 
बोला–वहाँ तो खूब मिठाई खाने को मिलती है। इसके 
साथ ही काम भी कुछ नहीं करना पड़ता। वहाँ सभी बड़े 
हर्षोल्लास से रहते हैं। यह सुनकर ग्राम वासियों ने स्वर्ग जाने 
का निएचय कर दिया। उस आदमी ने जब हाथी की पूँछ 
पकड़ ली तो सभी ग्रामवासियों ने एक दूसरे की टाँगे पकड़ 
लीं। सबसे नीचे से एक कंजूस ने पूछा क्‍यों भाई वहाँ लड्डू 
‘ कितने बड़े होते हैं, तो जिस आदमी ने हाथी की पूँछ पकड़ 
ल्‍ रखी थी, वह हाथ का इशारा बनाकर बोला–इतने-इतने 
| बड़े।हाथी की पूँछ छूटते ही सब नीचे गिर पड़े और मर गये। 
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