“*ईशवर की देन”!
एक बार की बात है कि एक राजा की उंगली उसके शस्त्र से कट गई। राजा का मंत्री ईश्वर का भक्त था। वह बोला–ईश्वर जो करता है वह अच्छा ही करता है। राजा को मंत्री की बात अच्छी नहीं लगी और उसने मंत्री को जेल में डाल दिया।
कुछ समय बाद राजा वन में शिकार खेलने गया हुआ था। वहाँ पर उसको भीलों के एक समूह ने अपनी कुल देवी पर बलिदान देने के लिए पकड़ लिया। उन्होंने राजा को ले जाकर देवी के सामने बैठा दिया। राजा बहुत घबरा रहा था। इतने में भीलों के पुरोहित ने राजा कौ कटी उंगली देखकर कहा कि अंग-भंग मनुष्य का देवी पर बलिदान नहीं चढ़ाया जा सकता। पुरोहित की बात सुनकर भीलों ने राजा को छोड़ दिया।
भीलों की कैद से छूटने के बाद राजा को मंत्री की कही बात याद आ गई कि ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है। राजा ने महल में आकर मंत्री को मुक्त कर दिया और उससे अपने कसूर की क्षमा माँग ली।