आंजनी माँ का नाम हनुमानजी के माता के रूप में प्रसिद्ध है। उन्हें हिन्दू धर्म के अनुसार पवनपुत्र हनुमान की माँ माना जाता है।अनुसूचित जाति में जन्मे अंजनी, वानरराज केसरी की पत्नी थीं। उनका जन्म हिमालय पर्वत के किनारे स्थित किश्किंधा नगरी में हुआ था। उनका नाम ‘अंजना’ इसलिए रखा गया था क्योंकि उनके माता-पिता की प्रार्थना से अग्नि देवता ने उन्हें वरदान दिया था कि उनका जन्म हनुमान के माता के रूप में होगा।
आंजनी माँ को महावीर वानर के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने हनुमानजी को जन्म दिया था। हनुमानजी ने अपनी माँ की पूजा को बहुत माना और उनकी सेवा की।
आंजनी माँ एक भक्तिमय माता थीं और उनकी कथाएँ हिन्दू धर्म में श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। उनका जीवन हमें साहस, समर्पण, और माँ की प्रेम भावना से प्रेरित करता है।
आंजनी माँ की कहानी हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथों और पौराणिक कथाओं में विस्तार से मिलती है। उनका चरित्र और कथा हमें धर्म, सेवा, और प्रेम के महत्व को समझाते हैं।