भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गाँव महू नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल था, जो एक आदिवासी समाज के संरक्षक थे। उनकी माता का नाम भीमाबाई था। बाल्यकाल में ही अम्बेडकर को जातिवाद के खिलाफ लड़ने की भावना उदय हुआ और उन्होंने शिक्षा में अग्रणी भूमिका अदा की।
अम्बेडकर ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अंबेडकर कॉलेज, नागपुर में प्रवेश लिया। उन्होंने 1913 में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया और फिर ब्रिटिश भारत सरकार की स्लैव लॉ में मास्टर्स की डिग्री हासिल की।
भीमराव अम्बेडकर ने समाज के दुर्गम वर्गों के लिए भी अपने जीवन का समर्पण किया। उन्होंने अनेक समाज सुधारक कार्य किए और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने भारतीय संविधान को तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अम्बेडकर को समाज के विभाजन के खिलाफ लड़ने और अपनी जाति के लोगों को उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने की भावना थी। उन्होंने अपने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों से लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में बौद्ध धर्म का अनुसरण किया और बौद्ध धर्म की मान्यताओं को लोगों के बीच फैलाया।
भीमराव अम्बेडकर की मृत्यु 6 दिसम्बर 1956 को हुई, लेकिन उनकी आत्मा हमेशा जीवित रहेगी। उन्होंने अपने जीवन में अनेकों लोगों को प्रेरित किया और समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हमेशा याद की जाएगी।