Search

कोय कहियो रे गुरू आवन की || Koye kahiyo re guru aavan ki-Kabir Shabd ||

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द

कोय कहियो रे गुरू आवन की।
आवन की मन भावन की।।


आप नहीं आवैं लिख नहीं भेजें।
बाण पड़ी रे ललचावन की।।

ये दो नैन कहा नहीं मानैं।
नदियां बहे रे जैसे सावन की।।

के करूँ मैं मेरा वश नहीं चलता,
पंख नहीं रे उड़ जावन की।।

मीरा के पृभु कब रे मिलोगे,
चेरी भी मैं थारे चरणों की।।
Share this article :
Facebook
Twitter
LinkedIn

Leave a Reply