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नर चेत गुमानी, माया ना साथ चलै-Kabir Ke Shabd-nar chet gumaani, maayaa naa saath chalai।।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
नर चेत गुमानी, माया ना साथ चलै।।

दस से सोलह गए खेल में, बीस गए तेरे मन के मेल में।
चालीस गए नारी के फेर में पचपन हाथ मले।।


अब भी जाग पड़ा क्यूँ सोवै, सोने से तेरा काम न होवै।
हर मन की तूँ कहां तक ढोवै, काल नाहीं टले।।

भजन करे सो हर सुख पावै,  धन दौलत तेरे काम न आवै।
काया भी तेरे साथ न जावै, अग्नि बीच जले।।

सुमरण ध्यान लगा ले प्राणी, हो नहीं तेरी कुछ भी हानि।
कहत कबीर सुनो अज्ञानी, कर ले कर्म तूँ भले।।
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