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नाम जपूँ मैं सांझ सवेरे।दया करो तुम सद्गुरु मेरे-Kabir Ke Shabd-naam japun main saanjh savere dayaa karo tum sadguru mere।।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
नाम जपूँ मैं सांझ सवेरे।दया करो तुम सद्गुरु मेरे।।

तेरे द्वार का मैं हूँ भिखारी, तूँ दाता मैं तेरा पुजारी।
चरणों की जो धुली मिले तो, पार चलूँ, दुख दूर करे रे।।


मन पंछी मोरा बौराया, सपन जगत का भेद न पाया।
लोभमोहके फंदे आया,  छूट जाए तन संग ना चले रे।।

ये सँसार सकल दुखदाई, लोग न जानें पीर पराई।
जीवन हर सुख स्वर्ग निहारी, कैसे मिले भव डूब परे रे।।

मानव-२सब ही एक हैं, पीर एक है जीव अनेक हैं।
ऐसा कर्म कर, कोई दुखे ना, सब शब्द गुरु कान भर ले रे।।
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